The Untethered Soul by Michael Singer | Book Summary in Hindi | जो आवाज़ सुन रहे हो, वो तुम नहीं हो

 Hello friends! आपका स्वागत है, मैं हूँ आपका दोस्त Anil Saharan। आज हम बात करने वाले हैं  The Untethered Soul by Michael A. Singer के बारे में...


"कभी-कभी ना… हम मुस्कुराते हुए इंसान होते हैं… लेकिन अंदर से टूटे हुए।"


राहुल, 27 साल का एक लड़का, ऑफिस जाता है, घर आता है, थोड़ा Netflix देखता है… और फिर सो जाता है। ऊपर से सब ठीक लगता है, लेकिन उसके अंदर एक आवाज़ हमेशा बोलती रहती है—


"तू कुछ खास नहीं है..."

"तेरे साथ हमेशा ऐसा ही क्यों होता है?"

"क्यों किसी को फर्क नहीं पड़ता तेरे होने या ना होने से?"


उसके दिमाग में दिनभर एक movie चलती रहती है — जो कभी बंद ही नहीं होती।


हर morning वो उठता है और सोचता है —

"क्या मैं ही पागल हो गया हूँ, या हर किसी के अंदर ऐसा ही चलता रहता है?"


राहुल की सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये नहीं थी कि वो दुखी था,

बल्कि ये थी कि उसे समझ नहीं आ रहा था क्यों वो दुखी था।


कोई breakup नहीं, कोई job loss नहीं — फिर भी अंदर कुछ भारी-सा था।


एक दिन उसने गूगल पर सर्च किया:


"Why do I feel sad without reason?"


और वहीं से उसे एक किताब के बारे में पता चला —

"The Untethered Soul by Michael A. Singer"


"इस किताब ने राहुल को नहीं बदला — इसने उसे उसके अंदर के 'राहुल' से मिलाया।"


और शायद… ये आपको भी आपसे मिलवा दे।


राहुल… अपने कमरे में अकेला बैठा था।

लाइट बंद… खिड़की से बारिश की बूँदें टपक रही थीं… और दिमाग में वही पुरानी बातें गूंज रही थीं:


"तेरे अंदर कुछ गड़बड़ है..."

"तू कुछ भी कर ले, तू कभी खुश नहीं रहेगा..."

"किसे फर्क पड़ता है तेरे होने या ना होने से?"


वो बाहर से बिल्कुल normal दिखता था — हँसता था, बात करता था… लेकिन अंदर?


अंदर जैसे कोई बैठा हो… जो हर वक्त बोलता रहता है।

राहुल कई बार सोचता — "क्या मैं ही ऐसा हूं या सबके अंदर कोई बैठा हुआ पागल आदमी है?"


उसी रात, frustration में उसने एक पुरानी किताब उठाई —

एक दोस्त ने कभी दी थी लेकिन उसने कभी खोली भी नहीं थी…


The Untethered Soul by Michael A. Singer


वो बस यूं ही पन्ना पलटता है, और अचानक उसकी नजर पहले अध्याय की उस लाइन पर रुकती है…


🔖 "वो आवाज़ जो आपके दिमाग में लगातार बोलती रहती है... वो आप नहीं हो।"


राहुल जैसे एक पल के लिए freeze हो गया।

उसने वो लाइन दोबारा पढ़ी… और फिर तीसरी बार…


"वो आवाज़… मैं नहीं हूं?"


तो फिर… मैं कौन हूं?

ये सवाल उसके दिमाग में बम की तरह फटा।


उसे पहली बार लगा —

"अगर मैं वो आवाज़ नहीं हूं… तो फिर मैं कौन हूं? और पूरी ज़िंदगी मैं उसी आवाज़ के कहने पर decisions लेता रहा?"


यही किताब का पहला lesson था।

"आपका Mind आपकी Identity नहीं है."


आप वो नहीं हो जो सोचते हो… आप वो हो जो सोच को सुनते हो.

जैसे कोई movie चल रही हो — और आप theater में बैठे सिर्फ देख रहे हो।


जब राहुल को ये बात समझ आई… तो ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके दिमाग में पड़े धूल भरे शीशे को साफ कर दिया हो।

अब भी वो आवाज़ आती थी… लेकिन फर्क ये था — अब वो उसमें डूबता नहीं था, उसे सिर्फ सुनता था।


"The Untethered Soul" सिर्फ किताब नहीं है… ये आपके और आपके Mind के बीच का पर्दा हटाती है।

और उस पर्दे के पीछे… जो इंसान है — वो शायद आप पहली बार देखोगे।


राहुल उस रात किताब पढ़ते-पढ़ते सो गया था…

लेकिन सुबह कुछ बदला-बदला सा था।


पहली बार उसने अपने ही mind को observe किया — बिना react किए।

वो धीरे-धीरे समझ रहा था कि वो अपने thoughts नहीं है।


लेकिन ये सिर्फ शुरुआत थी…


राहुल ने किताब बंद की और जैसे ही फोन उठाया, उसकी आंखें एक नाम पर रुक गईं — Aisha.


उसकी ex-girlfriend।


9 महीने हो गए थे… बात खत्म हुए।

लेकिन उसके दिल के अंदर… वो बातचीत, वो लड़ाई, वो goodbye — आज भी जिन्दा थी।


वो खुद से कहता रहा — "मैं over हो चुका हूं। अब फर्क नहीं पड़ता।"


लेकिन आज… Singer की किताब ने जैसे उस दबे हुए दर्द को उधेड़ दिया।


"Feel it fully, then release it."


Rahul की आंखों में आंसू आ गए —

लेकिन पहली बार उसने खुद को रोने दिया।


ना YouTube चलाया, ना गाने लगाए, ना किसी दोस्त को call किया।


वो बस बैठा रहा… और उस दर्द को जीता रहा।


हम सब यही करते हैं, है ना?


Breakup होता है — और हम "move on quotes" ढूंढते हैं।


गुस्सा आता है — तो insta reels में डूब जाते हैं।


डर लगता है — तो खुद को busy कर लेते हैं।


क्यों?


क्योंकि हम emotions को feel नहीं करना चाहते।

हम बस भागना चाहते हैं।


लेकिन Singer कहता है —

"Emotions को दबाओ मत, उन्हें बहने दो।"


जैसे नदी का पानी।


अगर तुम रोकोगे, बांध बनाओगे… तो एक दिन वो अंदर ही सड़ जाएगा।

लेकिन अगर बहने दोगे — तो एक अजीब सी शांति खुद-ब-खुद तुम्हारे अंदर उतर आएगी।


उस दिन राहुल ने रोना नहीं रोका —

क्योंकि उसे अब रोने में शर्म नहीं लग रही थी।

उसे एहसास हो रहा था कि ये आंसू उसका weak point नहीं हैं — ये उसका release हैं।


और पहली बार उसे लगा —

"मैं सच में healing कर रहा हूं।"


दुख को दबाने से वो मिटता नहीं… वो अंदर घर बना लेता है।

लेकिन जब आप उसे consciously feel करते हो — तो वो चला जाता है।


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चलिए, अब वापस चलते हैं कहानी की उसी मोड़ पर... जहाँ से सब कुछ बदलने वाला था।"



"Singer कहता है — healing तब नहीं होती जब तुम strong बनते हो…

healing तब होती है जब तुम खुद के सामने कमजोर होने की इजाज़त देते हो।"


और यही Rahul ने उस दिन सीखा।


लेकिन ये बस शुरुआत थी…

क्योंकि असली challenge तब आया —

जब उसे अपने past के डर face करने पड़े।


राहुल अब खुद को observe करना सीख गया था।


जब दिमाग में Aisha की याद आती, तो वो खुद से कहता, "ठीक है, याद आ रही है… आने दो, जाने दो।"


जब किसी random stranger ने ट्रैफिक में गाली दी, तो वो एक सेकंड के लिए react करने लगा… फिर खुद को रोक लिया।


पहले जहां वो एक छोटी सी insult को repeat mode में पूरे दिन घुमा देता था, अब वो कुछ पल चुप रहता और खुद से पूछता:


"क्या वाकई इस बात को पकड़कर रखना जरूरी है?"


🎙️ Michael Singer कहते हैं:

“Let go. Don’t cling to pain, pleasure, memories, or fears.”


लेकिन छोड़ना इतना आसान थोड़े ना होता है!


हम सब कोई ना कोई चीज़ पकड़े हुए हैं:


कोई बचपन की insult पकड़ कर बैठा है — "तू कभी कुछ नहीं कर पाएगा"


कोई first love की यादें छोड़ नहीं पा रहा — "वो ही थी मेरी सच्ची मोहब्बत"


कोई अपने डर पकड़ कर बैठा है — "अगर मैं fail हो गया तो?"


हम खुद को free समझते हैं, लेकिन सच ये है — हम अपने बीते पलों के गुलाम हैं।


एक दिन राहुल को एक email मिला — उसकी dream job से rejection का।


पहले वाला राहुल होता, तो पूरा दिन बर्बाद कर देता।


WhatsApp पे last seen देखता…


खुद से सवाल करता — "मैंने कहां गलती की?"


और फिर पुरानी failures की list में एक और entry जोड़ देता।


लेकिन इस बार वो बस बैठ गया…


उसने अपने अंदर एक छोटी सी आवाज़ को सुना:


"कितना unfair है ना ये सब?"

"तू कभी किसी चीज़ के लिए अच्छा नहीं रहा..."


और फिर उसने वही किया जो Singer कहता है —


“Let the energy rise, feel it fully… and then let it go.”


उसने गहरी सांस ली…

और खुद से कहा:


"ये rejection है, मेरा पूरा existence नहीं।"


Inner freedom का मतलब है —

किसी चीज़ को पकड़ना बंद करना।


Past को नहीं


Pain को नहीं


Success को नहीं


Rejection को भी नहीं


क्योंकि जो चीज़ आप पकड़ते हो — वही आपको पकड़े रखती है।


उसे अब समझ आने लगा था —

कि आजादी बाहर नहीं होती… आज़ादी अंदर से आती है।


"जो मैं control नहीं कर सकता, वो मेरे मन में इतना क्यों घूम रहा है?"


"जिसे मैंने खो दिया, उसके नाम की जगह मैंने अब भी अपने दिल में क्यों बना रखी है?"


Singer ने सिखाया —

छोड़ना हारना नहीं है। छोड़ना आज़ाद होना है।


"अगर तुम हर चीज़ को पकड़ते जाओगे — तो तुम्हारे हाथ खाली नहीं, भरे हुए लगेंगे।

लेकिन वो खालीपन ही तो जगह बनाता है नयी रोशनी के लिए।"


Let go — क्योंकि तुम्हारा future वहां नहीं है, जहां तुम अटका हुआ महसूस करते हो।


अब जब राहुल ने खुद को observe करना, feel करना और छोड़ना सीख लिया —

तो अब सवाल था:

"अगर मैं वो नहीं हूं जो सोचता हूं, अगर मैं अपने emotions भी नहीं हूं — तो मैं आखिर हूं कौन?"


और यही है The Untethered Soul का अगला बड़ा सवाल —

"Who are you, really?


Rahul अब थोड़े-थोड़े करके खुद को बदल रहा था।


वो बातें पकड़ना छोड़ चुका था।

पर असली परीक्षा अभी बाकी थी।


एक दिन शाम को Rahul अपने college के पुराने ग्रुप से मिला।


लंबे वक्त बाद, सब मिलकर बातें कर रहे थे — हंसी, यादें, किस्से…


तभी किसी ने मजाक में कह दिया —

"Rahul? अरे, ये तो हमेशा से ही थोड़ा emotional और weak टाइप का था।"


पूरा ग्रुप हंस पड़ा।


Rahul ने भी मुस्कुराने की कोशिश की…

लेकिन उसके अंदर एक पुराना घाव फिर से जाग गया।


वो वही पुरानी feeling थी — "लोग मुझे सीरियस नहीं लेते। मैं कमजोर हूं?"


Singer कहता है —


“Negative thoughts don’t drain your energy. You do — when you close your heart.”


Rahul ने महसूस किया —

जैसे अंदर से कुछ सिकुड़ रहा हो।

जैसे एक दरवाज़ा था — जो अब खुद-ब-खुद बंद हो गया।


और उसी पल उसे याद आया Singer का वो वाक्य:


“Stay open. Keep your heart open, no matter what happens.”


उसे याद आया जब पहली बार job interview में rejection हुआ था, उसने खुद से कहा था:

"अब दोबारा उम्मीद नहीं पालूंगा।"


क्यों?


क्योंकि दर्द होता है न?


पर Singer कहता है —


"Heart को बंद करना दर्द से बचाता नहीं है — वो आपको life से disconnect कर देता है।”


Rahul को अब समझ आया —

कि वो insult से नहीं टूटा था…

वो टूटा था क्योंकि उसने अपनी energy रोक दी थी।


हर बार जब उसने खुद को बचाने के लिए दिल का दरवाज़ा बंद किया,

वो खुद से दूर होता गया।


इस बार Rahul ने खुद से कहा:


“मजाक था? ठीक है। लेकिन मैं अब खुद को बंद नहीं करूंगा। मैं open रहूंगा — पूरी तरह।”


उसने सीना सीधा किया।

दिल खोल दिया।

और उसी energy के साथ मुस्कराया — सच्ची मुस्कान।


और कुछ अजीब हुआ —

उसे लगा जैसे कोई भारी चीज़ उसके सीने से उतर गई हो।


💡 Energy drain तब नहीं होता जब लोग आपको insult करते हैं…

Energy drain तब होता है जब आप उस insult के डर से अपना दिल बंद कर लेते हो।


Heart open रखो — चाहे जो भी हो जाए।

तभी तो वो raw, pure, unstoppable energy बाहर आती है।


अब Rahul को समझ आ चुका है —

वो अपनी energy, अपनी खुशी, अपनी ताक़त को खुद रोक रहा था।


पर अब सवाल ये था:


“क्या मैं इतने सालों की बंदिशों को खोल सकता हूं?”

“क्या मैं खुद को हर पल open रख सकता हूं… even in love, in failure, in fear?”


और जवाब उसी अध्याय में छिपा है —

जहां Singer हमें सिखाता है:


"Real Freedom begins when you are no longer afraid of pain."


Rahul की life अब पहले से बहुत बदल चुकी थी।


अब वो छोटी बातों पर उलझता नहीं था।


rejection उसे तोड़ता नहीं था।


वो दिल खोलकर जीना सीख चुका था।


पर असली test अभी बाकी था।

क्योंकि दुनिया नहीं बदलती — लोग फिर भी hurt करते हैं, situations फिर भी out of control जाती हैं।


एक दिन Rahul metro में था।

थका हुआ… गर्मी से चिढ़ा हुआ… और तब phone पर एक call आया।


उसकी माँ की तबीयत बिगड़ गई थी।


वो घबरा गया — दिल की धड़कन तेज़ हो गई, आँखें भर आईं।


भीड़ में वो चिल्ला नहीं सकता था।

गुस्से में फोन फेंक नहीं सकता था।


बस वो एक कोने में खड़ा रहा…

और अपनी सांसों को सुनने लगा।


🧘‍♂️ Singer कहते हैं:

"Observe everything — react to nothing."


Rahul ने खुद से कहा:


“माँ की तबीयत खराब है — ये reality है।

लेकिन मेरा डर, मेरा panic — ये मेरी imagination है।”


वो बस बैठ गया…

आँखें बंद कीं…

और अपने अंदर के तूफान को देखा — बिना उसमें बहते हुए।


उसे अपने सारे पुराने moments याद आने लगे —


जब वो rejection पर टूटा था…


जब उसे मज़ाक में कमजोर कहा गया था…


जब उसने पहली बार दिल खोलने की कोशिश की थी…


और आज — वो उन सब चीज़ों को देख पा रहा था, feel कर पा रहा था…

बिना डूबे।


Singer कहता है —


"Life is like a river. If you jump in, you drown. If you sit on the bank, you enjoy the flow."


Rahul अब उस बहते हुए दरिया को बस देख रहा था —

ना वो उसमें कूदा, ना लड़ने गया।


बस शांत… स्थिर… जगा हुआ।


उसे समझ आ गया था —

कि कोई भी situation उसे हिला नहीं सकती, जब तक वो खुद को observe करता रहे।


क्योंकि जो react करता है — वो कमजोर होता है।


लेकिन जो observe करता है —

वो खुद के master बन जाता है।


🙏 “हर emotion को देखो, हर thought को सुनो —

लेकिन उनके साथ बहो मत।

तुम हवा में उड़ती धूल नहीं हो —

तुम वो sky हो जिसमें सब होता है।”


अब Rahul वही इंसान है जो…


किसी के चिल्लाने पर भी शांत रहता है,


तकलीफ में भी प्यार कर सकता है,


और सबसे बड़ी बात — हर पल जगा हुआ है।


वो अब एक untethered soul है।


“जब आप react नहीं करते, तब आप life के remote control को खुद पकड़ लेते हो।

वरना हर चीज़ आपको अपनी उंगलियों पर नचाती रहती है।

अब फैसला आपका है — नाचना है या जागना है?”


Rahul अब वहीं बैठा है —

metro की उस भीड़ में,

कंधे पर बैग, चेहरे पर पसीना,

लेकिन अंदर से एकदम शांत… स्थिर… गहरा।


उसने आंखें बंद कीं — और खुद से कहा:


“अब मुझे कुछ पकड़ना नहीं है…

ना memories, ना regrets, ना डर…

अब मैं बहने नहीं वाला — अब मैं देखने वाला हूं।”


और पहली बार,

उसे खुद से डर नहीं लगा।

उसे कोई आवाज़ रोक नहीं रही थी।


Rahul अब वो बन चुका था —

जो हर इंसान बनना चाहता है:

A Truly Untethered Soul.


Michael A. Singer की The Untethered Soul कोई आध्यात्मिक किताब नहीं है —

ये एक जीवन जीने की असली मैन्युअल है।


आपका Mind आपकी Identity नहीं है

👉 वो आवाज़ जो दिमाग में nonstop बोलती है — वो आप नहीं हो।

आप वो हो जो सुनता है — इसलिए गुलाम नहीं, observer बनो।


Emotions को दबाओ मत — उन्हें बहने दो

👉 तकलीफ को feel करो, न कि escape।

Healing तब होती है जब emotions को flow करने दिया जाए।


Freedom का मतलब है — पकड़ना छोड़ दो

👉 Insult, Praise, Fear — कुछ भी हो, उसे पकड़ो मत।

जो control नहीं कर सकते, उसे carry क्यों करना?


Energy का रास्ता बंद मत करो

👉 दिल जब बंद होता है, तो energy भी रुक जाती है।

खुला दिल = खुली ताक़त।

बंद दिल = अंदर से सूखा इंसान।


Observe Everything, React to Nothing

👉 हर स्थिति को देखो, समझो, पर उसमें बहो मत।

Awareness से जीना मतलब real power में जीना।


🎯 अब क्या करना चाहिए? (Actionable Advice)

हर दिन 5 मिनट अकेले बैठो — बस observe करो अपने thoughts को

No judgment, no resistance — बस देखो।


जब कोई emotion उठे — उसे suppress मत करो। उसे महसूस करो, पर act मत करो।


लोग क्या कह रहे हैं, उस पर कम ध्यान दो। खुद क्या feel कर रहे हो — वहां ध्यान रखो।


कुछ भी negative सुनो या महसूस हो — खुद से पूछो:

“क्या मैं अभी reaction दे रहा हूं, या awareness से देख रहा हूं?”


दिल को खुला रखना सबसे बड़ा courage है — हर दिन थोड़ा-थोड़ा खोलो।


“Rahul अब बदल नहीं रहा था…

वो अब अपने असली रूप में लौट रहा था —

जो डरता नहीं था, जो भागता नहीं था,

जो बस — हर चीज़ को **चुपचाप देखता था… और आज़ाद था।”


"अगर आप यहाँ तक सुन चुके हैं, तो मुझे यकीन है कि ये कहानी आपके दिल को ज़रूर छू गई होगी। अगर आपको ये वीडियो पसंद आया हो, तो इसे लाइक ज़रूर करें।


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अब मिलते हैं अगली किताब की कहानी में, एक नए सफ़र के साथ। तब तक अपना ख़याल रखें।


और हाँ, कॉमेंट करके ज़रूर बताएं कि इस कहानी की कौन सी बात आपके दिल को सबसे ज़्यादा छू गई।


मैं हूँ Anil Saharan, और मैं फिर मिलूँगा एक नई कहानी, एक नए सफर के साथ।

तब तक याद रखो — Real Growth, Real You से शुरू होती है। ❤️

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