Mindset by Carol Dweck | Book Summary in Hindi | अपना सोच बदलो, सफलता पाओ! | Anil Saharan
Hello friends! आपका स्वागत है, मैं हूँ आपका दोस्त Anil Saharan। आज हम बात करने वाले हैं Mindset: The New Psychology of Success by Carol S. Dweck book के बारे में...
22 साल का राहुल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट है। लेकिन उसकी लाइफ में सब कुछ उल्टा-पुल्टा चल रहा है।
कोडिंग सीखने की कोशिश करता है, पर समझ नहीं आता।
हर असाइनमेंट में गलती करता है, जिससे प्रोफेसर डांटते हैं।
क्लास के टॉपर्स को देखकर सोचता है – "यार, ये लोग तो गॉड गिफ्टेड हैं, मैं इनके बराबर नहीं आ सकता!"
हर बार जब कोशिश करता है और फेल होता है, तो लगता है कि शायद यह मेरे बस की बात नहीं।
राहुल के दिमाग में एक ही बात घूमती है –
"कुछ लोग बचपन से ही स्मार्ट होते हैं, बाकी लोग जिंदगीभर बस स्ट्रगल करते रहते हैं।"
वह धीरे-धीरे हार मानने लगता है। अब वह खुद को यह यकीन दिलाने लगा है कि उसकी काबिलियत इतनी ही है।
एक दिन, राहुल का दोस्त अभय उसे एक किताब गिफ्ट करता है –
📖 "Mindset by Carol Dweck"
राहुल थोड़ी देर किताब को घूरता है और हंसते हुए कहता है –
"भाई, ये किताब मेरी लाइफ नहीं बदल सकती!"
अभय मुस्कुराते हुए कहता है –
"बस एक चीज ट्राय कर – इस किताब का पहला चैप्टर पढ़, फिर देख!"
राहुल किताब का कवर देखता है। सफेद बैकग्राउंड, काले-ब्लू अक्षरों में लिखा हुआ "Mindset"…
वह सोचता है –
"यार, इसमें ऐसा क्या खजाना छिपा है जो अभय इतना बोल रहा है?"
थोड़ी देर किताब को घूरता है, फिर बिना खोले उसे बैग में डाल लेता है और बेमन से कहता है –
"ठीक है, घर जाकर देखूंगा!"
घर पहुंचकर राहुल किताब को टेबल पर रख देता है।
रात को सोने जाता है, लेकिन उसके दिमाग में बार-बार एक ही ख्याल आता है –
"क्या वाकई सोचने का तरीका बदला जा सकता है?"
"क्या यह किताब मेरी प्रॉब्लम सॉल्व कर सकती है?"
अगली रात, जब उसका फोन खत्म चार्ज हो जाता है और करने को कुछ नहीं होता, तो वह बेमन से किताब उठाता है।
"चलो देखते हैं, क्या खास है इसमें!"
जैसे ही वह पहला पेज पढ़ता है… कुछ ऐसा लिखा होता है, जो उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती सामने ला देता है!
राहुल किताब के पहले पन्ने को पलटता है और पढ़ना शुरू करता है।
"दुनिया में दो तरह की सोच होती है—Fixed Mindset और Growth Mindset।"
उसकी भौहें सिकुड़ जाती हैं।
"Fixed Mindset? Growth Mindset? ये क्या बकवास है?"
लेकिन जैसे-जैसे वह पढ़ता जाता है, उसके अंदर एक अजीब सी हलचल होने लगती है।
किताब कहती है, "Fixed Mindset वाले लोग मानते हैं कि उनकी बुद्धिमत्ता और टैलेंट जन्म से तय हैं, और इसे बदला नहीं जा सकता। वे असफलता से डरते हैं और चुनौतियों से भागते हैं।"
राहुल को अचानक अपनी पिछली ज़िंदगी की कई घटनाएँ याद आने लगती हैं—
🎭 स्कूल का वो दिन जब उसने मैथ का टेस्ट दिया था और फेल हो गया था। उसने खुद से कहा था—
"मुझसे गणित कभी नहीं होगा।"
🎸 गिटार सीखने की वो कोशिश जब दो हफ्ते बाद ही उसने छोड़ दिया था, क्योंकि उसे लगा था—
"मुझे म्यूजिक की समझ ही नहीं है।"
🏀 बास्केटबॉल टीम में सिलेक्शन न होने पर उसने कहा था—
"मैं कभी अच्छा खिलाड़ी बन ही नहीं सकता।"
राहुल का दिल तेजी से धड़कने लगा।
"क्या मैं भी Fixed Mindset वाला इंसान हूँ?"
वह आगे पढ़ता है—
"Growth Mindset वाले लोग मानते हैं कि कड़ी मेहनत, सीखने और धैर्य से उनकी क्षमताएँ बढ़ सकती हैं। वे असफलताओं को सबक की तरह देखते हैं और चुनौतियों को अवसर मानते हैं।"
राहुल का मन दौड़ने लगा।
उसे अब तक की सबसे बड़ी गलती समझ में आने लगी थी।
"अगर मैं हमेशा खुद को सीमित मानता रहूँ, तो मैं कभी आगे नहीं बढ़ सकता।"
📖 किताब कहती है— "Mindset बदलिए, ज़िंदगी बदल जाएगी!"
राहुल किताब को एकटक देख रहा था।
उसके अंदर कुछ टूट रहा था... और कुछ नया बन रहा था!
अब उसके पास दो रास्ते थे—
❌ Fixed Mindset वाला राहुल बना रहे, या
✅ Growth Mindset अपनाकर खुद को बदल दे!
राहुल ने किताब बंद की और गहरी सांस ली।
"अगर यह सच है, तो मैं अपनी सोच को बदलकर कुछ भी हासिल कर सकता हूँ!"
राहुल ने किताब का पहला चैप्टर पढ़ने के बाद अपनी ज़िंदगी में बदलाव लाने की ठान ली थी।
वह अब हर चुनौती से भागने के बजाय उसे स्वीकार करने की कोशिश कर रहा था।
📌 पहली बार, उसने असफलता को कमजोरी नहीं, बल्कि सीखने का अवसर माना।
उसी दिन, स्कूल में गणित की क्लास में, उसने टीचर से सवाल पूछने की हिम्मत की।
टीचर ने जब जवाब दिया, तो उसके दिमाग में एक चिंगारी सी जल उठी—
"ओह! यह तो इतना मुश्किल नहीं था! मैंने पहले ही हार मान ली थी!"
📌 वह पहली बार महसूस कर रहा था कि उसकी सोच बदल रही थी।
अब वह असफलता से नहीं डर रहा था, बल्कि उसे सुधारने के तरीके ढूंढ रहा था।
अगली शाम राहुल अपने कमरे में गया।
किताब बैग से निकाली और हल्की मुस्कान के साथ खोली।
"आज मैं कुछ और नया सीखूंगा!"
दूसरा चैप्टर शुरू हुआ—
"Intellect और Talent से ज्यादा मेहनत जरूरी होती है"
राहुल की आंखें तेज़ी से स्क्रॉल करने लगीं—
📖 "केवल टैलेंट और IQ सफलता की गारंटी नहीं देते, बल्कि निरंतर प्रयास और सीखने की इच्छा अधिक महत्वपूर्ण होती है।"
राहुल ठहर गया।
उसने सोचा— "क्या मैं अब तक सिर्फ टैलेंट पर भरोसा कर रहा था?"
उसे अपने बचपन के कई वाकये याद आने लगे—
🎸 गिटार सीखने की नाकाम कोशिश
"याद है राहुल, जब तूने दो हफ्ते में गिटार छोड़ दिया था, क्योंकि तूने सोचा था कि तेरा टैलेंट नहीं है?"
🏀 बास्केटबॉल टीम में सिलेक्शन न होने पर
"तूने मेहनत करने के बजाय कहा था कि तू पैदा ही अच्छा खिलाड़ी नहीं हुआ?"
🎯 असफलताएँ जो सिर्फ मेहनत की कमी से आईं, न कि काबिलियत की वजह से।
अब राहुल को समझ आ रहा था कि टैलेंट से ज्यादा मेहनत ज़रूरी है।
📍 उसने खुद से वादा किया—
"अब मैं कोशिश करना नहीं छोड़ूंगा, जब तक कि मैं सफल न हो जाऊं!"
📍 पहला लक्ष्य: वह अगले दिन बास्केटबॉल कोच के पास जाकर प्रैक्टिस शुरू करेगा।
📍 दूसरा लक्ष्य: गणित में कमजोर टॉपिक को हर दिन 30 मिनट देकर मजबूत करेगा।
📍 तीसरा लक्ष्य: कोई भी नई चीज़ सीखने से पहले हार नहीं मानेगा।
राहुल अब समझ चुका था कि IQ और टैलेंट से ज्यादा मेहनत जरूरी होती है।
उसने खुद से वादा किया था कि वह बास्केटबॉल टीम में जगह बनाने के लिए प्रैक्टिस करेगा और गणित को बेहतर बनाएगा।
✅ लेकिन क्या वह अपने फैसले पर टिक पाएगा?
✅ या फिर पहली ही असफलता उसे फिर से पीछे खींच लेगी?
अगले दिन, राहुल बास्केटबॉल कोर्ट पहुंचा।
टीम पहले से ही प्रैक्टिस कर रही थी।
"मैं भी खेल सकता हूँ?" उसने झिझकते हुए कोच से पूछा।
कोच ने उसे देखा, फिर कहा—
"ठीक है, दिखाओ तुम्हें कितना आता है!"
राहुल ने बॉल पकड़ी, दौड़ा… और पहला शॉट मिस कर दिया।
दूसरा शॉट… फिर से चूक गया!
तीसरा… बॉल रिंग से टकराकर बाहर चली गई!
पीछे खड़े लड़के हंसने लगे।
"अरे, ये तो बॉल भी ठीक से नहीं पकड़ पा रहा!"
राहुल के अंदर कुछ टूटने लगा।
पुरानी यादें तेज़ी से दिमाग में घूमने लगीं—
🎸 गिटार सीखने की पहली असफल कोशिश…
"याद है जब तूने गिटार छोड़ा था, क्योंकि शुरू में ही तेरा हाथ ठीक से नहीं चला?"
🏀 पहले भी बास्केटबॉल टीम में रिजेक्ट होने का दर्द…
"तूने खुद से कहा था कि तू कभी भी अच्छा खिलाड़ी नहीं बन सकता?"
📚 गणित में पहली बार फेल होना…
"याद है जब तूने कहा था कि तू ‘गणित के लिए बना ही नहीं है’?"
उसके कानों में वही आवाज़ गूंजने लगी—
"तू born talented नहीं है, तो ये सब तेरे बस का नहीं!"
राहुल पसीने-पसीने हो गया।
उसका मन किया बस यहां से भाग जाए…
📖 "Fixed Mindset वाले लोग असफलता को अपनी क्षमता की सीमा मानते हैं, जबकि Growth Mindset वाले इसे सीखने और सुधारने का अवसर मानते हैं।"
राहुल को समझ आ गया—
"मैं हार मानने वाला नहीं हूँ!"
उसने बॉल फिर से उठाई।
इस बार उसने सोचने के बजाय, बस खेलना शुरू किया।
एक बार… दो बार… तीन बार…
उसका शॉट सही जा रहा था! 🏀💥
लड़कों की हंसी धीरे-धीरे बंद हो गई।
कोच ने उसे देखा और मुस्कुराते हुए कहा—
"बढ़िया! अब रोज़ इसी मेहनत से आना।"
📍 गणित की क्लास में भी उसने पहली बार खुद को चैलेंज किया।
📍 वह डरने के बजाय सवालों को एक "पज़ल" की तरह देखने लगा।
📍 उसने अब गलती करने से डरना छोड़ दिया, क्योंकि हर गलती उसे और बेहतर बना रही थी।
💡 वह समझ चुका था— असफलता "रुकने" का सिग्नल नहीं, बल्कि "सीखने" का मौका है!
📍 गणित की क्लास में भी उसने पहली बार खुद को चैलेंज किया।
📍 वह डरने के बजाय सवालों को एक "पज़ल" की तरह देखने लगा।
📍 उसने अब गलती करने से डरना छोड़ दिया, क्योंकि हर गलती उसे और बेहतर बना रही थी।
💡 वह समझ चुका था— असफलता "रुकने" का सिग्नल नहीं, बल्कि "सीखने" का मौका है!
राहुल ने सीखा था कि असफलता सीखने का अवसर होती है, न कि रुकने की वजह।
अब वह बास्केटबॉल में भी मेहनत कर रहा था और गणित को भी नए तरीके से देखने लगा था।
लेकिन क्या वह सच में खुद को बदल पाया था?
या फिर कोई बड़ी चुनौती उसे फिर से गिरा देगी?
✅ क्या राहुल हर मुश्किल को स्वीकार कर पाएगा?
✅ या फिर चुनौतियों से डरकर भाग जाएगा?
राहुल अब रोज़ बास्केटबॉल प्रैक्टिस करने लगा था।
वह हर शॉट पर ध्यान देता, गलतियों से सीखता और कोशिश करता रहता।
लेकिन एक दिन… उसकी सबसे बड़ी परीक्षा आई!
🏀 बास्केटबॉल टीम में सेलेक्शन के लिए फाइनल मैच था!
टीम के सबसे तेज़ खिलाड़ी अमित ने उसे घूरते हुए कहा—
"तेरा क्या ही होगा? बेंच पर बैठने के लिए तैयार रह!"
राहुल के अंदर डर बैठने लगा…
"क्या सच में मैं अब भी उतना अच्छा नहीं हूँ?"
लेकिन तभी… उसकी किताब के शब्द दिमाग में गूंजे—
📖 "Growth mindset वाले चुनौतियों का स्वागत करते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है कि इससे वे और बेहतर बनेंगे।"
💡 "डरने की जगह, इसे एक मौका समझो!"
राहुल ने माइंडसेट बदल लिया।
अब वह यह नहीं सोच रहा था कि "अगर मैं हार गया तो?"
बल्कि अब उसने खुद से कहा— "अगर मैं सीख गया तो?"
🏀 मैच शुरू हुआ।
पहले पांच मिनट में ही राहुल की टीम 10-2 से पीछे थी।
राहुल ने एक शॉट लिया – मिस!
दूसरा शॉट – फिर से चूक गया!
स्टेडियम में हंसी गूंज उठी।
"अरे, इसे क्यों लिया टीम में?"
उसके हाथ-पैर कांपने लगे… लेकिन उसने तय किया – "डटे रहो!"
📖 "Growth mindset वाले जानते हैं कि असफलता सिर्फ एक स्टेप होती है, आखिरी मंज़िल नहीं!"
आप देख रहे हैं हमारा चैनल और मैं हूं आपका दोस्त अनिल सहारण, जहाँ हम आपकी पसंदीदा किताबों की हिंदी समरी लाते हैं। अगर आपको यह वीडियो पसंद आ रही है, तो like करें, comment करें, और अपने दोस्तों के साथ share करें! अगर आप इस किताब को खरीदना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Affiliate Link से खरीदें—इससे हमें भी थोड़ा support मिलेगा, और आपको एक बेहतरीन किताब!
चलिए, अब वापस चलते हैं हमारी कहानी की तरफ!
🏀 अगली बार जब उसे बॉल मिली, तो उसने कुछ अलग किया।
वह डरने के बजाय, सीखने के लिए खेला।
📌 उसने देखा कि विरोधी टीम हमेशा दाईं तरफ से अटैक करती है।
📌 उसने नोटिस किया कि अमित बहुत ज्यादा सेल्फिश खेल रहा था।
📌 उसने खुद को एक टीम प्लेयर की तरह एडजस्ट किया।
फिर क्या हुआ?
🏀 राहुल ने अगले 10 मिनट में 3 असिस्ट दिए और 2 पॉइंट स्कोर किए!
🏀 टीम का स्कोर 20-18 हो गया!
अब बस आखिरी 10 सेकंड बचे थे…
राहुल के पास बॉल थी…
सामने अमित था…
अमित ने सोचा कि राहुल फिर से चूकेगा।
लेकिन इस बार राहुल ने बॉल पास कर दी अपने टीममेट को!
🎯 बज़र बीटर शॉट… और टीम जीत गई!
कोच ने तालियां बजाईं और कहा— "बढ़िया गेम!"
अमित भी चौंक गया… "राहुल, तूने सच में कमाल कर दिया!"
राहुल समझ चुका था—
📖 "चुनौतियों से डरने के बजाय, उन्हें अपनाओ। क्योंकि यही तुम्हें बेहतर बनाएंगी!"
अब उसे यह समझना था कि सिर्फ मेहनत करना काफी नहीं…
बल्कि गलतियों से सीखना और आलोचना को स्वीकार करना भी जरूरी है।
✅ लेकिन क्या राहुल को सच में अपनी कमियों का एहसास होगा?
✅ या फिर वह आलोचना को अपने खिलाफ समझकर हार मान लेगा?
🏀 बास्केटबॉल टीम में जीतने के बाद राहुल का आत्मविश्वास बढ़ गया था।
अब वह हर चीज़ में आगे रहने की कोशिश करता – पढ़ाई में, खेल में, और क्लास में भी।
📌 लेकिन एक दिन…
गणित की क्लास में उसने पहला सवाल हल किया और टीचर को दिखाने गया।
टीचर ने नज़र डाली और कहा—
"राहुल, तुम्हारी ये मेथड गलत है। सही तरीका देखो और दोबारा करो।"
राहुल को झटका लगा।
"मैंने मेहनत की थी, फिर भी गलत किया?"
पीछे से कुछ बच्चे हंसने लगे –
"बास्केटबॉल में अच्छा खेल लिया तो क्या हुआ? दिमाग तो अब भी वही है!"
राहुल का चेहरा लाल पड़ गया…
उसे गुस्सा आ रहा था।
"ये लोग मुझे नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं!"
राहुल ने गुस्से में आकर सवाल फिर से वैसे ही हल कर दिया।
लेकिन इस बार भी वही गलती दोहराई…
टीचर ने कहा—
"राहुल, तुम सही सीखना चाहते हो या बस सही साबित होना?"
📖 "Growth mindset वाले लोग Constructive Criticism से सीखते हैं, जबकि Fixed mindset वाले इसे व्यक्तिगत अपमान मानते हैं।"
राहुल को लगा जैसे टीचर ने उसकी सोच को झकझोर दिया हो!
💡 "मैं क्या कर रहा हूँ?"
💡 "क्या मुझे सच में सीखना है, या सिर्फ अपनी इज्जत बचानी है?"
राहुल ने गहरी सांस ली…
उसने अपना अहंकार छोड़ दिया और टीचर से पूछा—
"सर, मेरी गलती कहाँ थी? मुझे सही तरीका सिखाइए।"
टीचर मुस्कुराए और समझाया—
"देखो, तुमने सही दिशा में सोचा था, लेकिन तुम्हारा एप्रोच गलत था। इस तरह देखो…"
💡 और इस बार राहुल को समझ में आ गया!
💡 "गलती का मतलब यह नहीं कि मैं बेवकूफ हूँ… इसका मतलब यह है कि सीखने का एक और मौका मिला!"
📚 अब राहुल आलोचना से भागने के बजाय उसे अपनाने लगा।
अगर बास्केटबॉल कोच कहता – "तुम्हारी डिफेंस कमजोर है,"
तो वह बुरा मानने के बजाय डिफेंस सुधारने पर फोकस करता।
अगर टीचर कहता – "तुम्हारी थ्योरी कमजोर है,"
तो वह सोचता – "अच्छा! तो यही मेरी नई चुनौती है!"
अब वह यह समझने के कगार पर था कि सफलता का असली रहस्य सिर्फ टैलेंट नहीं… बल्कि मेहनत है!
✅ लेकिन क्या राहुल सच में मेहनत को सफलता की कुंजी मान लेगा?
✅ या फिर वह किसी शॉर्टकट की तलाश में भटक जाएगा?
🏀 बास्केटबॉल टीम के लिए एक नया टूर्नामेंट आने वाला था।
टीम के सारे प्लेयर्स रोज़ प्रैक्टिस कर रहे थे, लेकिन राहुल को लग रहा था कि वह पहले से ही अच्छा खेल रहा है।
📌 "मुझे ज्यादा मेहनत करने की क्या जरूरत?"
📌 "मैं तो पहले ही टीम में सबसे तेज दौड़ता हूँ, सबसे अच्छा शूट करता हूँ!"
टीम कोच ने देखा कि राहुल ढील दे रहा है।
उन्होंने राहुल को बुलाया और कहा—
"अगर मेहनत नहीं करोगे, तो अगला मैच बेंच पर बैठकर देखना पड़ेगा!"
💥 राहुल को झटका लगा!
"लेकिन सर, मैं तो पहले ही अच्छा खेलता हूँ!"
कोच ने मुस्कुराते हुए कहा—
"बेटा, सिर्फ अच्छा होना काफी नहीं। बेहतरीन बनना पड़ता है! और इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी!"
📖 "Growth mindset वाले लोग यह मानते हैं कि मेहनत करने से दिमाग और क्षमताएँ बेहतर हो सकती हैं।"
राहुल को पहली बार एहसास हुआ कि सिर्फ टैलेंट से कुछ नहीं होता…
अगर मेहनत नहीं की, तो जो आज अच्छा है, कल खराब हो जाएगा!
📌 अगले दिन से राहुल ने अपनी आदतें बदल दीं।
अब वह सबसे पहले ग्राउंड पर आता और सबसे बाद में जाता।
उसने अपनी शूटिंग को और बेहतर बनाने पर फोकस किया।
जब बाकी खिलाड़ी 10 राउंड दौड़ते, तो राहुल 12 दौड़ता।
📌 धीरे-धीरे, बाकी खिलाड़ी थकने लगे, लेकिन राहुल और मजबूत होता गया!
💡 अब वह समझ चुका था – मेहनत = सफलता की असली कुंजी!
टूर्नामेंट का पहला मैच आया।
टीम को एक मुश्किल विरोधी के खिलाफ खेलना था।
📌 मैच के आखिरी सेकंड्स में स्कोर बराबर था…
टीम के सारे खिलाड़ी थक चुके थे, लेकिन राहुल अब भी दौड़ रहा था, अब भी लड़ रहा था!
🏀 और आखिरी शॉट… राहुल के हाथ में था!
🔥 एक लंबी सांस ली… जम्प किया… और बास्केट!!!
💥 टीम ने मैच जीत लिया!
🔥 राहुल हीरो बन चुका था!
"टैलेंट से मैं अच्छा खिलाड़ी बन सकता था… लेकिन मेहनत ने मुझे चैंपियन बनाया!"
लेकिन असली परीक्षा अब भी बाकी थी...
✅ क्या राहुल बास्केटबॉल की जीत से खुश होकर आराम कर जाएगा?
✅ या वह अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी सीख आगे भी अपनाएगा?
✅ क्या वह दूसरों की सफलता से सीख पाएगा, या जलन उसका रास्ता रोक देगी?
🏫 स्कूल में बोर्ड एग्जाम्स आने वाले थे।
राहुल को लगता था कि वह पढ़ाई में भी अच्छा है। लेकिन एक दिन जब रिजल्ट आया, तो उसे झटका लगा!
📝 राहुल के 75% आए थे… लेकिन उसके सबसे अच्छे दोस्त, आर्यन के 90% थे!
🔥 क्लास में सब उसकी तारीफ कर रहे थे। टीचर्स भी उसे बधाई दे रहे थे।
राहुल को महसूस हुआ कि उसे कोई देख ही नहीं रहा…
"क्या मैं अब किसी के लिए मायने नहीं रखता?"
"मैंने भी मेहनत की थी, फिर भी मुझसे कम नंबर क्यों आए?"
📌 उसके मन में पहली बार जलन पैदा हुई।
"क्यों आर्यन को मुझसे ज्यादा तारीफ मिल रही है?"
🏀 राहुल ने खेलना बंद कर दिया…
📚 पढ़ाई में मन नहीं लगा…
🚶♂️ आर्यन से बात करना भी छोड़ दिया…
एक दिन, आर्यन ने उसे रोककर पूछा—
"क्या हुआ राहुल? तुझे क्या परेशानी है?"
राहुल ने गुस्से में जवाब दिया—
"तू बहुत अच्छा बन गया है ना! अब सब तुझे ही पसंद करते हैं!"
आर्यन हँसते हुए बोला—
"तो तू मुझसे जल रहा है?"
📖 "Fixed mindset वाले लोग दूसरों की सफलता से असहज महसूस करते हैं।"
🔥 राहुल को लगा कि आर्यन उसका मजाक उड़ा रहा है, लेकिन आर्यन ने आगे कहा—
"भाई, मैं तेरा दोस्त हूँ। तुझे क्या लगता है, मैंने ये नंबर यूं ही पा लिए?"
"मैंने दिन-रात मेहनत की। जब तू बास्केटबॉल की प्रैक्टिस कर रहा था, मैं पढ़ाई कर रहा था।"
🚀 "अगर तू मुझसे आगे बढ़ना चाहता है, तो जलने से कुछ नहीं होगा... सीखने से होगा!"
📌 राहुल को एक नई सोच मिली!
📌 राहुल ने सोचा – "क्या जलन की जगह मैं सीख सकता हूँ?"
📌 "अगर आर्यन 90% ला सकता है, तो मैं क्यों नहीं?"
📚 अब उसने आर्यन से पूछा—
"तूने पढ़ाई कैसे की? मुझे भी बता!"
🔥 आर्यन ने अपने नोट्स, अपनी स्ट्रेटेजी और अपना सीक्रेट शेयर किया।
💡 राहुल ने महसूस किया कि अगर वह दूसरों से सीखने लगे, तो वह भी आगे बढ़ सकता है!
📖 "Growth mindset वाले लोग दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेते हैं।"
🚀 अब राहुल पढ़ाई में भी वही मेहनत लगाने लगा, जो उसने बास्केटबॉल में लगाई थी!
📌 उसने अपने नोट्स बनाना शुरू किया…
📌 टाइम-टेबल से पढ़ाई की…
📌 मुश्किल टॉपिक्स के लिए टीचर्स से सवाल पूछे…
🔥 धीरे-धीरे, वह और बेहतर होता गया!
✅ राहुल के 93% आए!
✅ इस बार, क्लास में उसकी भी उतनी ही तारीफ हो रही थी, जितनी आर्यन की!
✅ लेकिन इस बार, उसे जलन नहीं हुई… बल्कि खुशी हुई!
📖 "सफलता एक दौड़ नहीं, एक सफर है – जिसमें हर कोई आगे बढ़ सकता है!"
राहुल ने जलन छोड़कर आर्यन से सीखना शुरू किया था। उसने अपनी मेहनत और स्मार्ट स्ट्रेटेजी से शानदार रिजल्ट भी हासिल कर लिया था। लेकिन क्या अब उसकी सफलता की गारंटी थी?
✅ क्या हर बार मेहनत करने से राहुल को तुरंत सफलता मिलती?
✅ क्या उसकी Growth Mindset की असली परीक्षा अब होने वाली थी?
✅ क्या वह ‘Yet’ की ताकत को समझ पाएगा?
🔥 कॉलेज में एडमिशन का समय आ चुका था।
राहुल का सपना था कि वह शहर के सबसे बेहतरीन कॉलेज में एडमिशन ले, जहाँ से उसे अपने करियर में एक जबरदस्त शुरुआत मिल सके।
💡 उसने मेहनत की, एंट्रेंस एग्जाम दिया… और रिजल्ट का इंतजार करने लगा।
📌 लेकिन जब रिजल्ट आया, तो राहुल का सपना टूट गया!
❌ वह मेरिट लिस्ट में नहीं आया था!
❌ वह उस कॉलेज में सेलेक्ट नहीं हुआ, जिसका उसने सपना देखा था!
🧠 राहुल के मन में कई सवाल थे—
❌ "क्या मैं वाकई इतना अच्छा नहीं हूँ?"
❌ "क्या मैंने अपनी पूरी मेहनत बेकार कर दी?"
❌ "अब आगे क्या होगा?"
🚶♂️ उसका मन पूरी तरह टूट चुका था।
आर्यन उसके पास आया और पूछा—
"क्या हुआ? तू इतना परेशान क्यों है?"
राहुल ने गुस्से और दुख के साथ जवाब दिया—
"मैं इस कॉलेज में सेलेक्ट नहीं हो पाया। सब बेकार हो गया!"
📖 "Fixed mindset वाले लोग असफलता को अपनी क्षमता की सीमा मानते हैं।"
आर्यन मुस्कुराया और बोला—
"बेकार? या अभी तक नहीं हुआ?"
🚀 "तू फेल नहीं हुआ, तू अभी तक सफल नहीं हुआ!"
💡 "Yet की ताकत को समझ!"
🧠 Growth Mindset का असली सबक यह था कि—
✅ "अभी नहीं, लेकिन कभी तो जरूर होगा!"
✅ "अगर मैं सीखना जारी रखूं, तो अगली बार जरूर सफल होऊँगा!"
📌 आर्यन ने राहुल को समझाया—
"अगर तू इस बार कॉलेज में नहीं गया, तो इसका मतलब यह नहीं कि तेरी जिंदगी खत्म हो गई।"
"अभी तक नहीं हुआ, लेकिन अगर तू सीखता रहेगा, तो जरूर होगा!"
📖 "Growth Mindset वाले लोग असफलता को सीखने का अवसर मानते हैं!"
🔥 राहुल ने खुद से पूछा—
"मैं इस असफलता से क्या सीख सकता हूँ?"
"मैं अपनी तैयारी को और कैसे बेहतर कर सकता हूँ?"
"मुझे कौन-सी गलतियाँ नहीं दोहरानी चाहिए?"
💡 उसने तय किया कि वह इस असफलता को अपने लिए सीखने का अवसर बनाएगा।
📌 उसने अपनी कमियों पर ध्यान दिया…
📌 उसने अपनी तैयारी को और मजबूत किया…
📌 उसने नए तरीके अपनाए…
🚀 वह पहले से दोगुनी मेहनत और स्मार्ट प्लानिंग के साथ फिर से तैयार हो गया!
📌 अगले साल राहुल ने फिर से एंट्रेंस एग्जाम दिया।
✅ इस बार उसने टॉप स्कोर किया!
✅ इस बार उसे अपने पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन मिल गया!
✅ और सबसे बड़ी बात – उसने सीखा कि असफलता कभी भी अंतिम नहीं होती, जब तक हम सीखना बंद नहीं करते!
📖 "मैं अभी सफल नहीं हुआ हूँ… लेकिन मैं सीख रहा हूँ!"
राहुल ने सीखा था कि अभी तक सफल नहीं हुआ हूँ, लेकिन सीख रहा हूँ!
उसने अपनी मेहनत और नए नजरिए से खुद को पहले से ज्यादा मजबूत बना लिया था।
✅ लेकिन अब उसके सामने एक नया सवाल था—
"सिर्फ खुद के लिए सीखना काफी है, या दूसरों को भी सिखाना जरूरी है?"
🏡 घर में राहुल की छोटी बहन, निष्ठा, बहुत ही चंचल और जिज्ञासु थी।
📚 हर वक्त कुछ नया सीखने को तैयार, लेकिन...
💡 समस्या यह थी कि उसे हमेशा घर में यही सुनने को मिलता—
"तू तो बहुत स्मार्ट है!"
"तेरी तो बुद्धि तेज है!"
"तू तो बिना पढ़े ही अच्छे नंबर ले आएगी!"
❌ और हुआ क्या?
👉 धीरे-धीरे निष्ठा को लगने लगा कि उसे मेहनत करने की जरूरत ही नहीं है!
👉 अगर किसी विषय में उसे दिक्कत आती, तो वह जल्दी हार मान लेती!
👉 "अगर मैं स्मार्ट हूँ, तो मुझे यह मुश्किल क्यों लग रहा है?" – ऐसा सोचकर वह डरने लगी!
📖 राहुल को Mindset की किताब से याद आया—
"अगर बच्चों को स्मार्ट कहा जाए, तो वे अपनी बुद्धिमत्ता को Fixed मान लेते हैं और नई चीज़ें सीखने से डरने लगते हैं।"
🚀 अब राहुल ने कुछ अलग करने का सोचा!
📌 जब अगली बार निष्ठा ने मैथ्स में एक मुश्किल सवाल हल किया, तो राहुल ने कहा—
"वाह! तूने तो बहुत अच्छा किया! लेकिन मुझे सबसे ज्यादा ये पसंद आया कि तूने हार नहीं मानी और पूरी मेहनत से कोशिश की!"
📌 जब उसने कोई नई चीज़ सीखी, तो राहुल ने कहा—
"तेरी मेहनत सच में दिख रही है, इसीलिए तू सीख पाई!"
📖 "बच्चों को स्मार्ट कहने की बजाय मेहनती कहना चाहिए!"
🔥 अब जब भी उसे कोई कठिन सवाल आता, तो वह यह नहीं सोचती कि "मैं स्मार्ट हूँ, फिर भी यह क्यों नहीं आ रहा?"
✅ बल्कि वह सोचती— "अगर ज्यादा मेहनत करूंगी, तो सीख जाऊंगी!"
📌 धीरे-धीरे निष्ठा का आत्मविश्वास बढ़ने लगा।
📌 अब वह नए विषयों को सीखने से नहीं डरती थी।
📌 अब वह यह मानने लगी थी कि मेहनत ही असली सफलता की कुंजी है!
📖 "बेहतर है कि उनकी मेहनत और लगन की तारीफ की जाए!"
राहुल ने सीखा था कि सिर्फ स्मार्ट कहलाने से कुछ नहीं होता, मेहनत ही असली ताकत है!
अब उसने Growth Mindset को अपनाना शुरू कर दिया था और अपनी छोटी बहन निष्ठा को भी सिखा रहा था।
✅ लेकिन अब उसके सामने एक नई चुनौती थी—
"क्या यह Growth Mindset सिर्फ पढ़ाई के लिए है, या असली दुनिया में भी काम आता है?"
🏫 कॉलेज में राहुल की एक टीम थी, जो एक बड़ा प्रोजेक्ट बना रही थी।
⚙️ इस प्रोजेक्ट में कई लोगों को साथ काम करना था, लेकिन धीरे-धीरे टीम में समस्याएँ बढ़ने लगीं!
❌ टीम में कुछ लोग हार मान चुके थे...
👉 "यार, हमसे नहीं होगा! दूसरे कॉलेज वाले हमसे बहुत आगे हैं!"
👉 "हमारी टीम में टैलेंट ही नहीं है!"
👉 "हमने इतनी मेहनत की, फिर भी रिजल्ट नहीं आया!"
📌 राहुल ने देखा कि टीम का मनोबल टूट रहा था!
📌 कुछ लोग छोड़ने की बात कर रहे थे, कुछ बहाने बना रहे थे।
📌 एक असली लीडर बनने के लिए उसे कुछ करना था!
📖 "एक अच्छे लीडर बनने के लिए Growth Mindset अपनाना जरूरी है!"
"सफल लीडर्स चुनौतियों से डरते नहीं, बल्कि उनसे सीखते हैं!"
🔥 राहुल ने तय किया कि वह टीम को छोड़ने नहीं देगा!
🔥 अब उसे असली लीडर बनना था!
📌 उसने पूरी टीम को इकट्ठा किया और कहा—
"हम हार क्यों मान रहे हैं? क्योंकि हम सोच रहे हैं कि हमारे अंदर टैलेंट नहीं है!"
"लेकिन सच ये है कि टैलेंट से ज्यादा जरूरी है सीखने की भूख!"
📌 राहुल ने अपनी किताब की बातें शेयर कीं—
✔️ "हमेशा कोशिश करने वालों की जीत होती है!"
✔️ "हर असफलता एक सीख है!"
✔️ "हर परेशानी हमें और मजबूत बनाती है!"
💡 अब टीम ने हार मानने की बजाय Growth Mindset अपनाना शुरू कर दिया!
📌 अब जब भी कोई गलती होती, तो वे सीखने के लिए तैयार रहते!
📌 अब कोई बहाने नहीं बना रहा था, बल्कि सब मिलकर मेहनत कर रहे थे!
📌 हर समस्या को वे एक नए मौके की तरह देखने लगे!
राहुल ने अपनी टीम में Growth Mindset को अपनाया था, और सबने मिलकर मेहनत शुरू कर दी थी। अब कोई हार नहीं मान रहा था, बल्कि हर गलती से सीखने की कोशिश कर रहा था।
✅ लेकिन अब राहुल को जिंदगी की एक और बड़ी सीख मिलने वाली थी—
"Growth Mindset सिर्फ पढ़ाई और करियर के लिए ही नहीं, बल्कि रिश्तों में भी जरूरी होता है!"
🏠 राहुल का घर – रात के 10 बजे
📱 राहुल अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था, तभी उसके पिता कमरे में आए।
👨🦳 पिता (थोड़ा गुस्से में):
"रात के 10 बज गए, लेकिन तुम्हारा ये फोन और लैपटॉप बंद ही नहीं होता!"
😤 राहुल (खीजते हुए):
"पापा, आप समझते क्यों नहीं? मैं टाइम खराब नहीं कर रहा, यह मेरा फ्यूचर है!"
👨🦳 पिता (गंभीर लहजे में):
"फ्यूचर के चक्कर में प्रेजेंट मत बिगाड़ो! पहले हमसे बात तो कर लिया करो!"
📌 राहुल गुस्से में था।
"पापा हमेशा टोकते रहते हैं, कभी समझने की कोशिश ही नहीं करते!"
📌 पिता भी सोच रहे थे—"बच्चे अब पहले जैसे नहीं रहे, हमारे साथ बैठते ही नहीं!"
💔 धीरे-धीरे यह अनबन बढ़ती गई।
राहुल और उसके पिता के बीच एक दीवार खड़ी हो गई थी…
📖 अगले दिन, राहुल ने किताब का एक चैप्टर पढ़ा—
"अगर हम यह सोचें कि लोग बदल नहीं सकते, तो रिश्ते कमजोर हो जाते हैं।"
"लेकिन अगर हम यह मानें कि हर कोई सीख सकता है और बेहतर बन सकता है, तो रिश्ते मजबूत होते हैं!"
📌 तभी राहुल को एहसास हुआ कि गलती सिर्फ उसके पिता की नहीं थी।
📌 वह खुद भी तो यह मानकर चल रहा था कि पापा कभी नहीं बदल सकते!
📌 लेकिन अगर Growth Mindset पढ़ाई और करियर में काम आता है, तो रिश्तों में क्यों नहीं?"
👦 राहुल ने तय किया कि वह अपने पापा को समझने की कोशिश करेगा।
📌 उसने पहली बार बिना झुंझलाए अपने पिता के साथ बैठकर बातें कीं।
📌 इस बार उसने सिर्फ अपनी बात कहने की बजाय, उनके नजरिए से चीजों को देखने की कोशिश की।
👨🦳 पिता (थोड़ा नरम होकर):
"तुम बड़े हो गए हो, लेकिन हमें भी तो सीखने दो कि बड़े बच्चों के साथ कैसे रहना है!"
👦 राहुल (मुस्कुराते हुए):
"और मैं भी सीख रहा हूँ कि पेरेंट्स की बातें कैसे सुनी जाएँ!"
📌 धीरे-धीरे राहुल और उसके पिता के बीच की दूरियाँ कम होने लगीं।
📌 राहुल ने समझ लिया कि जैसे Growth Mindset उसे सीखने में मदद करता है, वैसे ही यह रिश्तों में भी मदद कर सकता है!
राहुल ने Growth Mindset को अपनाकर अपनी लाइफ और रिश्तों को सुधारना शुरू कर दिया था।
अब वह सिर्फ खुद को ही नहीं, बल्कि अपने आसपास की दुनिया को भी समझने की कोशिश कर रहा था।
✅ लेकिन एक और बड़ा सवाल था— "क्या सिर्फ इंसान का Mindset बदलने से सबकुछ बदल जाता है?"
✅ "क्या कंपनियों और संस्थानों का Mindset भी उनके भविष्य को तय करता है?"
📌 और जल्द ही, राहुल को इस सवाल का जवाब मिलने वाला था…
🎯 कहानी 3 साल बाद की है...
राहुल की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी, और उसे एक नामी कंपनी में Marketing Executive की जॉब मिल गई थी।
वह बहुत एक्साइटेड था! 😃
लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी… 😟
📅 राहुल की पहली मीटिंग
👨💼 मैनेजर (गंभीर लहजे में):
"देखो राहुल, यहाँ सिर्फ हमारे तय किए हुए तरीके से काम होता है!"
😮 राहुल (हैरान होकर सोचता है):
"लेकिन मैंने तो सोचा था कि मैं यहाँ नए आइडियाज पर काम करूंगा!"
📌 कुछ दिन बाद, राहुल ने एक नया सोशल मीडिया कैंपेन डिजाइन किया, जिससे कंपनी को बड़े क्लाइंट्स मिल सकते थे।
📌 उसने उत्साह से आइडिया अपने बॉस को दिखाया…
👨💼 बॉस (गुस्से में):
"तुम्हें यहाँ सिर्फ काम करने के लिए रखा गया है, एक्सपेरिमेंट करने के लिए नहीं!"
😞 राहुल का दिल टूट गया।
"क्या यह कंपनी Fixed Mindset वाली है? जहाँ लोग असफलता से डरते हैं और कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं करते?"
📖 इसी बीच, राहुल ने एक और नया चैप्टर पढ़ा—
"जो कंपनियाँ Growth Mindset अपनाती हैं, वे Employees को नए आइडियाज आज़माने और सीखने का मौका देती हैं!"
📌 राहुल को याद आया कि Google, Tesla और Amazon जैसी कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को एक्सपेरिमेंट करने का पूरा मौका देती हैं!
📌 वहीं, Nokia, Kodak जैसी कंपनियाँ Fixed Mindset की वजह से असफल हो गईं!
👦 राहुल ने हिम्मत की और नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
🚀 कुछ हफ्तों बाद, उसे एक नई स्टार्टअप कंपनी में मौका मिला, जहाँ आइडियाज को सुना जाता था, और नई चीज़ें आज़माने के लिए फ्रीडम थी।
👨💼 नई कंपनी का CEO (मुस्कुराते हुए):
"हम यहाँ गलतियाँ करने से नहीं डरते, क्योंकि असफलता भी सीखने का एक हिस्सा है!"
🎯 अब राहुल सही जगह था – एक Growth Mindset वाली कंपनी में!
राहुल ने अपनी पहली नौकरी छोड़ दी थी, जहाँ Fixed Mindset ने उसकी ग्रोथ रोक दी थी।
अब वह एक Growth Mindset वाली स्टार्टअप कंपनी में काम कर रहा था, जहाँ उसे सीखने और नए आइडियाज पर काम करने का मौका मिल रहा था।
लेकिन…
🚀 क्या यह सफर इतना आसान था?
🚀 क्या सिर्फ सही जगह पर होने से कोई अपना असली Potential Unlock कर सकता है?
📌 राहुल को इसका जवाब जल्दी ही मिलने वाला था…
📅 राहुल की नई कंपनी में 6 महीने बीत चुके थे।
🚀 वह पहले से काफी बेहतर हो चुका था, नए आइडियाज लाने लगा था।
लेकिन एक दिन…
📌 कंपनी में एक नई प्रेजेंटेशन थी।
📌 सभी Employees ने अपने-अपने आइडियाज CEO के सामने रखे।
📌 राहुल को लगा कि वह भी सबसे बेहतर परफॉर्म करेगा!
लेकिन…
👨💼 CEO (गंभीर लहजे में राहुल से):
"राहुल, तुम्हारी मेहनत अच्छी है, लेकिन तुम अभी भी अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंचे हो!"
😮 राहुल (हैरान होकर सोचता है):
"क्या? मैं तो अब तक काफी अच्छा कर रहा था!"
👨💼 CEO (मुस्कुराते हुए):
"तुम्हें लगता है कि तुम अपनी लिमिट तक पहुँच चुके हो, लेकिन असल में, यह सिर्फ तुम्हारी शुरुआत है!"
📖 राहुल को याद आया कि उसने Mindset किताब के अगले चैप्टर में क्या पढ़ा था—
"खुद को और अपनी क्षमताओं को सीमित न करें, बल्कि लगातार सीखते रहें।"
📌 तभी उसे एहसास हुआ कि वह अब तक अपनी Growth को लेकर लापरवाह हो गया था!
🚀 True Potential कोई जादू से Unlock नहीं होता, यह लगातार मेहनत और सीखने से खुलता है!
🎯 राहुल को समझ आया कि:
✅ जो लोग यह सोचते हैं कि वे "अब बहुत सीख चुके हैं", वे कभी अपनी असली क्षमता तक नहीं पहुँच पाते।
✅ Growth Mindset का मतलब सिर्फ मौके मिलना नहीं, बल्कि खुद को हर दिन पहले से बेहतर बनाना है।
🔥 अब राहुल ने एक नया संकल्प लिया।
"मैं हर दिन कुछ नया सीखूंगा, और अपनी असली क्षमता तक पहुँचकर दिखाऊंगा!"
📌 उसने अगले 3 महीनों में—
✅ हर दिन 1 घंटा नई स्किल सीखने में लगाया।
✅ अपने पुराने आइडियाज पर दोबारा काम किया और उन्हें बेहतर बनाया।
✅ अपने CEO और मेंटर्स से सीखना शुरू किया।
📅 3 महीने बाद – बड़ी प्रेजेंटेशन का दिन आया!
🚀 इस बार, राहुल का आइडिया इतना दमदार था कि CEO ने उसे अप्रोव कर दिया!
👨💼 CEO (मुस्कुराते हुए):
"अब तुम सही रास्ते पर हो, राहुल! तुम्हें अब एहसास हो गया होगा कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती!"
🔥 राहुल को अपनी असली ताकत का एहसास हो चुका था!
📌 राहुल अब समझ चुका था कि सीखने की कोई सीमा नहीं होती।
📌 उसने अपने True Potential को Unlock करने की राह पर कदम बढ़ा दिया था।
लेकिन…
क्या वह इस राह पर टिके रह पाएगा?
क्या असफलता उसे फिर से पीछे धकेल देगी?
🎯 यह जानने के लिए आइए, कहानी को आगे बढ़ाते हैं…
📅 कुछ महीने बाद…
🚀 राहुल एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। यह उसके करियर का अब तक का सबसे बड़ा चैलेंज था!
📌 उसे एक नई तकनीक पर रिसर्च करनी थी और अपनी टीम को ट्रेन करना था।
📌 लेकिन 2 हफ्तों की मेहनत के बाद भी, उसका आइडिया काम नहीं कर रहा था!
💭 राहुल (सोचता है, निराश होकर):
"शायद मैं इस काम के लिए बना ही नहीं हूँ… मुझे यह छोड़ देना चाहिए!"
😞 Fixed Mindset का डर उसके अंदर फिर से जागने लगा था!
लेकिन तभी…
📖 उसकी नजर अपने टेबल पर रखी उस किताब पर गई… "Mindset"
📌 उसने किताब का आखिरी अध्याय खोला और पढ़ना शुरू किया…
💡 Lesson #1: Challenges को अपनाएँ – मुश्किल चीजों को करने की कोशिश करें!
📌 राहुल को याद आया कि असल Growth वहीं होती है, जहाँ डर लगता है!
🔥 अगर वह हार मान लेता, तो वह अपनी क्षमता कभी नहीं जान पाता!
🎯 उसने ठान लिया – "मैं इस प्रोजेक्ट को हर हाल में पूरा करूंगा!"
💡 Lesson #2: Effort को स्वीकार करें – मेहनत को सफलता का आधार मानें!
📌 राहुल ने किताब में पढ़ा था कि दुनिया के सबसे सफल लोग भी बार-बार असफल हुए थे!
📌 लेकिन उन्होंने मेहनत करनी बंद नहीं की!
🚀 उसने अगले 10 दिनों तक नई रणनीतियों पर काम किया और अपनी टीम से मदद मांगी!
💡 Lesson #3: Feedback से सीखें – आलोचना को व्यक्तिगत न लें!
📌 एक मीटिंग में उसके सीनियर ने उसकी योजना में कई खामियां निकालीं!
📌 पहले उसे गुस्सा आया, लेकिन फिर उसे याद आया कि Growth Mindset वाले लोग आलोचना से सीखते हैं!
🔥 उसने अपने प्लान में सुधार किया और और भी बेहतर बना दिया!
💡 Lesson #4: Persistent बनें – असफलता को सफलता का पहला कदम समझें!
📌 राहुल को याद आया कि उसे अपनी असफलता से सीखकर आगे बढ़ना है!
📌 उसने मेहनत जारी रखी, नई तकनीकें सीखी, और आखिरकार…
🚀 2 हफ्ते बाद – उसका प्रोजेक्ट सफल हो गया!
🎉 CEO ने उसकी तारीफ की, और उसे कंपनी में एक नई बड़ी जिम्मेदारी दे दी!
🔥 राहुल ने अब Growth Mindset को पूरी तरह अपना लिया था!
राहुल ने किताब पूरी कर ली थी… लेकिन उसकी असली जर्नी अब शुरू हुई थी!
अब उसे हर दिन अपने Mindset को बेहतर बनाना था,
हर नई चुनौती को सीखने का अवसर समझना था,
और अपने जीवन को सच में बदलना था!
🔥 अब बारी आपकी है!
✅ क्या आप भी Growth Mindset अपनाने के लिए तैयार हैं?
✅ क्या आप चुनौतियों को अपनाने और खुद को बेहतर बनाने के लिए तैयार हैं?
अगर हां, तो आज ही एक नई शुरुआत करें! 🚀
📌 वीडियो को Like करें, ताकि हमें पता चले कि आपको ऐसी और भी Summaries चाहिए!
📌 Comment में बताएं कि इस किताब का कौन-सा Lesson आपको सबसे ज्यादा पसंद आया?
📌 इस वीडियो को अपने दोस्तों और परिवार के साथ Share करें, ताकि वे भी अपने Mindset को बदल सकें!
📖 अगर आप इस किताब को खरीदना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए Affiliate Link से खरीद सकते हैं।
💡 और हां, अगर आप ऐसी और ज़बरदस्त Book Summaries देखना चाहते हैं, तो…
👉 Subscribe करें हमारे चैनल – अनिल सहारण! 🔥
मिलते हैं अगली वीडियो में, एक और ज़बरदस्त किताब के साथ! 🚀📚
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें