Ikigai by Hector Garcia | Book Summary in Hindi | अपनी जिंदगी का मकसद खोजें

 Hello friends! आपका स्वागत है मैं हूं आपका दोस्त अनिल सहारण, आज हम बात करने वाले हैं Ikigai by Hector Garcia के बारे में...



सुबह के 7 बजे थे, लेकिन आदित्य की आंखें अब भी छत को घूर रही थीं। बिस्तर पर लेटे-लेटे वो सोच रहा था — "आखिर हर सुबह उठकर मैं ये सब क्यों कर रहा हूं? ऑफिस जाना, काम करना, पैसे कमाना... फिर वही रूटीन... लेकिन क्या बस यही ज़िंदगी है?"

उसकी ज़िंदगी में सब कुछ था — एक अच्छी नौकरी, पैसा, गाड़ी — लेकिन फिर भी अंदर से कुछ खाली-खाली सा था। ऐसा लगता था जैसे वो जिंदा तो है, पर जी नहीं रहा।

फिर एक दिन, उसकी लाइफ में एक ऐसा मोड़ आया जिसने उसे जापान के एक छोटे से गांव की सच्चाई से मिलवाया — जहां लोग दुनिया के सबसे खुश और लंबे समय तक जीने वाले इंसान हैं। और इसका राज़ सिर्फ एक शब्द में छिपा है — Ikigai।

आदित्य ने ये नाम पहली बार सुना था — Ikigai। उसके दोस्त ने बताया कि ये जापान के ओकिनावा नाम के एक छोटे से गांव का राज़ है, जहां लोग न सिर्फ 100 साल तक जीते हैं, बल्कि खुश और संतुष्ट भी रहते हैं।

आदित्य के दिमाग में बस एक सवाल घूमने लगा — आखिर क्या है ये Ikigai?

फिर उसी रात, उसने अपने बिस्तर पर बैठकर Ikigai by Hector Garcia किताब पढ़नी शुरू की।

आदित्य ने किताब का पहला पेज खोला। सबसे ऊपर लिखा था — "Ikigai क्या है?"

और नीचे एक लाइन थी जिसने उसे अंदर तक झकझोर दिया: "वो वजह जिसकी वजह से आप हर सुबह उठते हैं।"

ये पढ़ते ही आदित्य की आंखों के आगे बचपन की एक तस्वीर तैर गई। वो सुबह का वक्त था, जब उसकी मां उसे प्यार से उठाती थीं। "उठ जा बेटा, स्कूल के लिए देर हो जाएगी," ये सुनकर भी वो मुस्कुराकर बिस्तर छोड़ देता था। क्योंकि उसे पता था कि स्कूल में उसका पसंदीदा आर्ट क्लास है।

वो क्लास जहां वो रंगों से खेलता था, पेंटिंग करता था, और हर बार कुछ नया बनाने का जोश उसमें उबाल मारता था। उसके उठने की वजह थी — कुछ नया सीखना, कुछ नया बनाना।

लेकिन अब... अब उसे सुबह उठने की वजह ढूंढनी पड़ती है। अलार्म पांच बार बजता है, फिर भी मन करता है बिस्तर में पड़ा रहे।

तो आखिर वो 'वजह' कहां खो गई? क्या बचपन का वो Ikigai वक्त के साथ मर गया?

आदित्य ने ठान लिया — अब उसे अपनी जिंदगी की असली वजह फिर से तलाशनी होगी।

किताब के अगले पेज पर आदित्य की नजर एक डायग्राम पर पड़ी। बीच में लिखा था — Ikigai। और उसके चारों तरफ चार सवाल घेरे हुए थे:

आपको क्या पसंद है? (Passion) आप किस चीज़ में अच्छे हैं? (Profession) दुनिया को किस चीज़ की जरूरत है? (Mission) आप किससे पैसा कमा सकते हैं? (Vocation)

आदित्य ने पेन उठाया और इन सवालों के जवाब देने की कोशिश की। पहला सवाल — "मुझे क्या पसंद है?" उसने सोचा… काफी देर तक सोचा… लेकिन जवाब नहीं मिला।

फिर दूसरा सवाल — "मैं किस चीज़ में अच्छा हूं?" ऑफिस के काम? प्रेजेंटेशन बनाना? डेडलाइन पूरी करना? ये सब तो करता हूं… पर क्या मैं इसमें अच्छा हूं?

फिर तीसरा सवाल — "दुनिया को किस चीज़ की जरूरत है?" इसका जवाब तो उसे पता ही नहीं था… दुनिया से उसे क्या लेना-देना?

आखिरी सवाल — "मैं किससे पैसा कमा सकता हूं?" बस यही एक सवाल था जिसका जवाब उसके पास साफ था — नौकरी।

आदित्य का दिमाग सुन्न हो गया। उसने देखा कि Ikigai का जो गोल सा डायग्राम था, उसमें उसके सारे जवाब इधर-उधर बिखरे हुए थे। चारों जवाबों का मेल कहीं नहीं हो रहा था…

और वहीं उसे एहसास हुआ — यही उसकी परेशानी की जड़ थी।

वो सुबह उठकर बस काम करने जाता था, लेकिन उसमें पैशन नहीं था। उसे सैलरी तो मिल रही थी, पर मिशन क्या है, ये पता नहीं था।

और शायद… शायद इसी वजह से उसकी सुबहें इतनी बोझिल और बेमकसद लगती थीं।

आदित्य अब इस किताब में इतना खो गया था कि वक्त का अंदाज़ा ही नहीं रहा। पेज पलटते ही उसने एक और दिलचस्प बात पढ़ी — लॉन्ग और हेल्दी लाइफ के सीक्रेट।

यहां जापान के ओकिनावा आइलैंड का ज़िक्र था — वो जगह जहां लोग 100 साल से भी ज्यादा जीते हैं। आदित्य को यकीन नहीं हुआ।

"क्या सच में ऐसा मुमकिन है?" उसने खुद से सवाल किया।

उसकी आंखों के सामने अपने दादा जी की छवि उभर आई। आदित्य ने उन्हें हमेशा बीमारियों से जूझते हुए देखा था — डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दवाइयों का ढेर… उम्र बढ़ने का मतलब आदित्य के लिए हमेशा बीमारी और कमजोरी ही रहा था।

लेकिन इस किताब ने उसकी सोच हिला दी।

ओकिनावा के लोग इतनी लंबी उम्र तक खुश और स्वस्थ कैसे रहते हैं? किताब ने चार राज़ बताए:

👉 Active रहना: ओकिनावा के लोग कभी आलसी नहीं बनते। वो बगीचे में काम करते हैं, टहलते हैं, योग करते हैं — चलते-फिरते रहते हैं।

👉 हल्का खाना: वहाँ के लोग Hara Hachi Bu पर अमल करते हैं — यानी 80% पेट भरने के बाद खाना बंद कर देना।

👉 समाज से जुड़े रहना: ओकिनावा में लोगों के मजबूत सोशल सर्कल होते हैं। वो अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों से जुड़े रहते हैं।

👉 Positive mindset: वहाँ के लोग खुश रहते हैं। हर मुसीबत में भी हल ढूंढते हैं।

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